वैदिक त्रैतवाद डॉ० सोमदेव शास्त्री प्रत्येक वस्तु का कोई बनाने वाला (निर्माता) होता है तथा जिस पदार्थ से वह वस्तु बनती है वह पदार्थ भी होता है और जिसके लिए वह वस्तु बनाई गई है उस वस्तु का उपयोग करने वाला भी अवश्य होता है। इन तीनों के बिना वस्तु का निर्माण नहीं हो सकता और न ही उसकी उपयोगिता सिद्ध हो सकती है। जैसे घड़े को बनाने वाला (निर्माता) कुम्हार होता है तथा मिट्टी से घड़ा बनता है और मिट्टी के घड़े का उपयोग करने वाला घड़े में पानी भरने वाला, घड़े के पानी को पीने वाला व्यक्ति भी होता है। यदि तीनों में से कोई एक भी न हो तो घड़ा नहीं बन सकता और उसकी उपयोगिता भी सिद्ध नहीं हो सकती है। जैसे घड़े को बनाने वाला कुम्हार हो और यदि मिट्टी न हो तो घड़ा नहीं बन सकता है और यदि मिट्टी हो और घड़ा बनाने वाला कुम्हार न हो तब भी घड़ा नहीं बन सकता है। यदि घड़ा बनाने वाला कुम्हार और मिट्टी दोनों ही हों तब घड़ा तो बन जाता है किन्तु यदि घड़े का उपयोग करने वाला, घड़े को काम में लेने वाला न हो तो घड़े का निर्माण निरर्थक है। इसलिए घड़े को बनाने वाले के साथ घड़े का उयोग करने वाले का होना भी आवश्यक है तथा जिस मिट्ट...