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Showing posts from June, 2022

मैं आर्यसमाजी कैसे बना?

मैं आर्य समाजी कैसे बना? [भाग ७] -स्व० श्री महात्मा हंसराज जी अपने ग्राम में मैंने केवल एक बार किसी वृद्ध व्यक्ति से सुना था कि लाहौर में एक साधु आया हुआ है, जो ईसाइयों से वेतन पाता है तथा हिन्दू धर्म के विरुद्ध उपदेश करता है। उस समय मुझे यह ज्ञात नहीं था कि यह ऋषि दयानन्द है तथा उनका उपदेश क्या है। मेरी आयु उस समय छोटी थी और न ही विद्या की योग्यता थी। जब मैं सन् १८७९ में लाहौर आया तो मेरे बड़े भाई ने जो उस समय डाकघर में कार्य करते थे, मुझे राजकीय विद्यालय में प्रविष्ट करा दिया। उस समय विद्यालय का भवन नहीं था। राजा ध्यानसिंह की हवेली में विद्यालय की श्रेणियां लगा करती थी। सरदार हरिसिंह जो बाद में निरीक्षक (Inspector) होकर विख्यात हुए, मिडल स्कूल के हैडमास्टर थे। मैं कुछ मास उनकी छत्र छाया में विद्या अध्ययन करता रहा। फिर बीमार होने के कारण मैंने राजकीय विद्यालय छोड़ दिया। स्वस्थ होने पर भाई साहब ने मुझे यूकल्ड की शिक्षा स्वयं दी। और फिर रंग महल में मिशन स्कूल में प्रविष्ट करा दिया। मैं वहां पढ़ता रहा। बाबू काली प्रसन चटरजी जो बाद में आर्य समाज के उत्तम सेवक बने, हमारे साथ स्...

मैं आर्यसमाजी कैसे बना?

मैं आर्य समाजी कैसे बना? [भाग ६] -महात्मा आनन्द स्वामी जी मैं आर्य समाजी बना नहीं हूं अपितु जन्म से आर्यसमाजी हूं। इस संसार में वर्तमान शरीर के साथ आंखें खोलते ही मैंने अपने आप को आर्यसमाजी पाया। जातकर्म संस्कार से लेकर शेष समस्त संस्कार वैदिक रीति से हुए। अतः मैं मैनुफैक्चर्ड (Manufactured) आर्यसमाजी नहीं हूं। मुझे किसी दूसरे कारखाने में आर्य समाजी नहीं बनाया गया, अपितु माता-पिता की कृपा से मेरा जन्म आर्य-समाजियों के पवित्र घर में हुआ। हां मेरे पूज्य पिता जी आर्य-समाजी बने और आर्य-समाजी भी स्वामी दयानन्द जी महाराज के हाथों बने। यह घटना इस प्रकार है- उन दिनों पंजाब में आर्य-समाज का नाम नहीं था, ईसाइयत जोर पकड़ रही थी। हिन्दू नवयुवक ईसाई बनते चले जा रहे थे और नवीन शिक्षा हिन्दु नवयुवकों को हिन्दु धर्म से विमुख कर रही थी। मेरे पिता लाला गणेशदास जी को प्रारम्भ से मतों की छान-बीन का शौक था। हमारे नगर जलाल पुर जट्टां में ईसाइयों का स्कूल था। गुजरात के पादरी प्रायः जलाल पुर जट्टाँ आते रहते थे और पिताजी उनसे बातें करते थे। इन वार्तालापों का परिणाम यह निकला कि पिता जी ईसाइयत स्वीका...