भ्रमोच्छेदन संस्कार विधि पर ज्योतिषाचार्य श्री कृष्ण चन्द्र शास्त्री का गर्हित आक्षेप [क्या स्वामी दयानन्द कृत संस्कार विधि फलित ज्योतिष पर आधारित है?] प्रियांशु सेठ (वाराणसी) सोशल मीडिया के माध्यम से पौराणिक ज्योतिषाचार्य श्री कृष्ण चन्द्र शास्त्री का "ज्योतिष और आर्यसमाज" नामक शीर्षक से एक लेख प्राप्त हुआ है। इसमें शास्त्रीजी ने स्वामी दयानन्द के प्रसिद्ध ग्रन्थ संस्कार विधि से कुछ सन्दर्भ उठाकर यह सिद्ध करने की कुचेष्टा की है कि स्वामी दयानन्दजी को अपने ग्रन्थ में फलित ज्योतिष अभीष्ट है। उन्होंने कहीं फलित ज्योतिष का खण्डन नहीं किया है। शास्त्रीजी ने यदि सत्यार्थप्रकाश ही ठीक से पढ़ लिया होता तो वह ऐसे आक्षेप कदापि न करते। स्वामी दयानन्द ज्योतिष को खगोलीय घटना, ग्रहों का विज्ञान, मौसमी विज्ञान, संवत्सर गणना, रश्मियों का प्रभाव, ऋतु परिवर्तन आदि की गणना करने वाला विज्ञान मानते थे। उन्होंने अपने कालजयी ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश में स्पष्टतः फलित ज्योतिष पर प्रहार किया है। मगर ज्योतिष को फलित रूप देकर जनसामान्य को लूटने वाले लुटेरों को ढपोरशंख की भांति बजने का अभ्यास ह...