अहिंसा के संदेशवाहक श्रीरामचन्द्र जी लेखक- प्रियांशु सेठ रामायण के अध्ययन से हमें यह उपदेश मिलता है कि श्रीरामचन्द्र जी वैदिक धर्म के मानने वाले आर्यशील पुरुष थे। बालकाण्ड सर्ग १ श्लोक १२,१३,१५,१६ में श्रीराम जी के यथार्थ गुणों का वर्णन इस प्रकार मिलता है- 'धर्मज्ञ, सत्य प्रतिज्ञा, प्रजा हितरत, यशस्वी, ज्ञान सम्पन्न, शुचि तथा भक्ति तत्पर हैं। शरणागत रक्षक, प्रजापति समान प्रजा पालक, तेजस्वी, सर्वश्रेष्ठ गुणधारक, रिपु विनाशक, सर्व जीवों की रक्षा करने वाले, धर्म के रक्षक, सर्व शास्त्रार्थ के तत्ववेत्ता, स्मृतिमान्, प्रतिभावान् तेजस्वी, सब लोगों के प्रिय, परम साधु, प्रसन्न चित्त, महा पंडित, विद्वानों, विज्ञान वेत्ताओं तथा निर्धनों के रक्षक, विद्वानों की आदर करनेवाले जैसे समुद्र में सब नदियों की पहुंच होती है वैसे ही सज्जनों की वहां पहुंच होती है। परम श्रेष्ठ, हंस मुख, दुःख सुख के सहन कर्ता, प्रिय दर्शन, सर्व गुणयुक्त और सच्चे आर्य पुरूष थे।' अयोध्याकाण्ड सर्ग ३३ श्लोक १२ में भी उनकी महिमा का गायन इस प्रकार है- 'अहिंसा, दया, वेदादि सकल शास्त्रों में अभ्यास, सत्य स्वभाव...