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Showing posts from August, 2018

अहिंसा के संदेशवाहक श्रीरामचन्द्र जी

अहिंसा के संदेशवाहक श्रीरामचन्द्र जी लेखक- प्रियांशु सेठ रामायण के अध्ययन से हमें यह उपदेश मिलता है कि श्रीरामचन्द्र जी वैदिक धर्म के मानने वाले आर्यशील पुरुष थे। बालकाण्ड सर्ग १ श्लोक १२,१३,१५,१६ में श्रीराम जी के यथार्थ गुणों का वर्णन इस प्रकार मिलता है- 'धर्मज्ञ, सत्य प्रतिज्ञा, प्रजा हितरत, यशस्वी, ज्ञान सम्पन्न, शुचि तथा भक्ति तत्पर हैं। शरणागत रक्षक, प्रजापति समान प्रजा पालक, तेजस्वी, सर्वश्रेष्ठ गुणधारक, रिपु विनाशक, सर्व जीवों की रक्षा करने वाले, धर्म के रक्षक, सर्व शास्त्रार्थ के तत्ववेत्ता, स्मृतिमान्, प्रतिभावान् तेजस्वी, सब लोगों के प्रिय, परम साधु, प्रसन्न चित्त, महा पंडित, विद्वानों, विज्ञान वेत्ताओं तथा निर्धनों के रक्षक, विद्वानों की आदर करनेवाले जैसे समुद्र में सब नदियों की पहुंच होती है वैसे ही सज्जनों की वहां पहुंच होती है। परम श्रेष्ठ, हंस मुख, दुःख सुख के सहन कर्ता, प्रिय दर्शन, सर्व गुणयुक्त और सच्चे आर्य पुरूष थे।' अयोध्याकाण्ड सर्ग ३३ श्लोक १२ में भी उनकी महिमा का गायन इस प्रकार है- 'अहिंसा, दया, वेदादि सकल शास्त्रों में अभ्यास, सत्य स्वभाव...

क्या स्त्रियों को भी गायत्री जप का अधिकार है

क्या स्त्रियों को भी गायत्री जप का अधिकार है प्रियांशु सेठ आज के युग में हिन्दू समाज में एक भ्रान्ति फैली हुई है कि गायत्री मन्त्र के जप का अधिकार स्त्रियों को नहीं है। ये हमारे शास्त्रों के विरुद्ध है। प्राचीन काल में सभी स्त्रियां व पुरुष नित्य गायत्री की उपासना करते थे किन्तु आज ये नहीं होता। आजकल पौराणिक गुरु अपने चेले और चेलियों को नए-नए मन्त्र (?) देते हैं। कोई 'रामं रामाय नमः' का, कोई 'नमो नारायण:' बता रहा है तो कोई 'सोअहम्' और न जाने क्या-क्या। इन मन्त्रों में द्वादशाक्षर मन्त्र अत्यन्त प्रसिद्ध है। वह तथाकथित मन्त्र है- 'ओं नमो भगवते वासुदेवाय'। इस मन्त्र के सम्बन्ध में पहली बात तो यह है कि यह मन्त्र ही नहीं है। कोई भी व्यक्ति इस मन्त्र को किसी वेद में नहीं दिखा सकता। दूसरी बात यह कि यह द्विजों के लिए नहीं है। यह बात पुराणों से भी सिद्ध होती है। पुराणों में कहा गया है- द्वादशाक्षरकं मन्त्रं स्त्रीशूद्रेषु विधीयते। -विष्णुधर्मो० प्रथम खण्ड १५५/२८ अर्थात् द्वादश अक्षर का मन्त्र स्त्री और शूद्रों के लिए है। जब स्त्रियों को वेदाधिकार...